क्यों वे खामोश है ?
जिनमे भरा जोश है ,
हर तरफ़ जुल्म है पर उन्हें ना होश है ,
सोचता ही रहता है, जाने किसका दोष है ,
जिन्हें जागते रहना है , वे ही बेहोश है ,
जरुरत है उनकी, लेकिन वे मदहोश हैं ,
हर तरफ़ आतंकी हमला , क्यूँ उनका खून खोलता नही ?
क्यूँ वह अपने आप को तोलता नही ?
जब जरुरत है बोलने की , तो वह बोलता नही ,
उससे हमें उम्मीद है , पर वह मुंह खोलता नही
जब वह जागेगा , तभी आतंकी भागेगा ।
Sunday, March 8, 2009
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बहुत खूब!!!
ReplyDeleteहमें ही उन्हे जगाना होगा,
होश मे भी लाना होगा,
उम्मीद रखो-- वो जरूर जागेंगे,
और आतंकी एक दिन जरूर भागेंगे।
kafi samay ho gya.kalam chalaiye sir.
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